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krishna ko makhan chor kyon kaha gaya |
आज हम परम भगवान् श्रीकृष्ण की बात करेगे जो सम्पूर्ण सृष्टि के स्वामी है। हम आज भी देखते है कि भगवान् श्रीकृष्ण को लोग माखनचोर, रसिया ,रण छोड़ आदि नामो से जानते है बल्कि इन्ही नामो से पुकारते भी है। और तो और बहुत से लोग भगवान् कृष्णा को केवल यही तक जानते है। और वो भगवान की इसी रूप में पूजा करते है परन्तु क्या यही सत्य है वास्त्विकतिता तो कही इससे परे है।
लोग आज भी भगवान् के उस परम स्वरुप को नहीं जानते जो वेदों और गीता मे बताया गया है। लोग बस भगवान कृष्ण की लीलाओ में पड़े रहते है और उसी को अंतिम सत्य मानते है। परन्तु यदि वास्तविकता में देखा जाये तो वे परम ईश्वर इन सब से परे है।
ये सभी लीलाए तो माया से जन्मी है जो सामान्य लोगो को वस्त्विकस्ता से दूर रखती है कारण इसलिए की भगवान के वास्तविक स्वरुप को तो उनके शुद्ध भक्त ही समझ सकते है। आज के समाज ने भगवान कृष्णा को केवल रासलीला और माखन चोरी तक सीमित कर दिया है।
भगवान श्रीकृष्ण इस सृष्टि में अवतरित तो अवश्य होते है पर वह इस लोक के नही है वह तो समस्त लोको में निवाश करते है।क्योंकि अन्य देवता प्रकृति के तीन गुणों के अनुसार कार्य करते है परंतु भगवान कृष्ण तो गुणातीत अर्थात प्रक्रति के तीन गुणों से परे है।
जिस प्रकार भगवान विष्णु सतो गुण, ब्रह्मा रजो गुण और शिव जी तमो गुण के अधिपति है। उसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण इन तीनो देवो के अधिपति है। और ये तीनो देव परम भगवान कृष्ण की अध्यक्षता मे रह कर कार्य करते हैं महाभारत के समय जब संजय धृतराष्ट्र को युद्ध के बारे में बताते है तब वहा पर उन्होने अनेको बार भगवान को योगेश्वर कह के सम्बोधित किया है और भगवान के योगी होने के अनेको प्रमाण मिलते है परन्तु आज के सामज ने बस अपने स्वार्थ और सरलता के लिए ईश्वर को सीमित कर दिया है।
जरा विचार करे कही ऐसा कर के या इन सब का साथ देकर कही हम बहुत नीच कर्म तो नहीं कर रहे। हमें इस बारे में सोचना होगा। अब यहाँ ध्यान देने वाली यह बात है की इस प्रकार की छवि आज जो हमारे मन में है ये आई कहा से इसका जिम्मेदार कौन है हम या ये समाज।
अगर हम वास्तविकता की बात करे तो इसके लिए हम और हमारा सम्माज दोनों जिम्मेदार है अब प्रश्न ये उठता है की कैसे तो इसके लिए आपको आपने घर के उस कोने की तलाश करनी होगी जहा पर हमारे वेद पुराण और गीता रखे है। क्या आपके यह इनमे से कुछ नहीं है तो यही मूल कारण है की हम स्वयं को भूल रहे है हम कृष्णा को भूल रहे है। अब आपने जब कृष्णा को जाना नहीं तो आपके मन में ये रसिया कृष्णा चोर कृष्णा जैसे सब्द कहाँ से आये।
तो इसके लिए जिम्मेदार है ये कथाकार और ये सिनेमा जगत जिसने इन सब को मसालेदार बनाकर परोसा ताकि आप उसे देखते रहे बस और उन्होंने तो कुछ शर्ते दे कर अपना पल्ला झाड लिया और हमारी संस्कृति हमारे भगवान् परम योगेश्वर श्रीकृष्ण को को रसिया प्रेमी चोर बना दिया।
अगर आप इसे पढने के बाद भी अपने विचार नहीं बदल पा रहे है तो यह आपके लिए दुर्भाग्य पूर्ण है।
अगर आप वास्तव में कृष्णा को जानना चाहते है तो आप गीता पढ़े आप स्वयं उस परम उर्जा के अस्तित्व का अनुभव करेगे आप देखेगे और खुद को कोसेगे की क्यों मै अब तक भगवान कृष्ण के इस स्वरूप से अनजान था।
क्या भगवान श्रीकृष्ण को रसिया, माखनचोर कहना सही है
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क्या भगवान श्रीकृष्ण को रसिया, माखनचोर कहना सही है ।
Kya krishna Bhagwan Ko Makhanchor Kahna Sahi Hai,
Lord Krishna
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