भोजन के प्रकार: सात्विक, राजसिक और तामसिक आहार |Maans kyo nahi khana chahiye | bhojan ke prakar | yoga-and-food | types of food

types of food in India :भोजन के प्रकार: सात्विक, राजसिक और तामसिक आहार

भोजन के प्रकार: सात्विक, राजसिक और तामसिक आहार |Maans kyo nahi khana chahiye |  bhojan ke prakar | yoga-and-food | types of food
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आज हम जानेगे की भोजन कितने प्रकार का होता है और मांसाहारी भोजन क्यों नहीं करना चाहिए।हर मनुष्य का कर्तव्य होता है कि वह कर्म करे और विकास की ओर बढ़ने के लिए आध्यात्मिक रूप से कार्य करे और आध्यात्मिक उन्नत होने के लिए आपका मन और शरीर दोनों ही संतुलित और निरोगी होना चाहिए इसलिए हमें मांसाहारी भोजन छोड़ कर शाकाहारी भोजन अपनाना चाहिए और आयुर्वेद में मांसाहार की कई हानियां बताई गई हैं।


गीता के अनुसार भोजन तीन प्रकार का होता है  सात्विक ,राजसिक,एवं तामसिक श्रीमद्भागवत गीता के १७ अध्याय के ८,९,१० वे श्लोक में भगवान कृष्णा ने कहा जो भोजन सात्विक लोगो को प्रिय होता है वह आयु बढ़ाने वाला जीवन को शुद्ध करने वाला तथा स्वास्थ्य ,सुख और तृप्ति प्रदान करने वाला होता है।
अधिक कडवे, खट्टे ,नमकीन,गर्म,चटपटे, शुष्क तथा जलन उत्पन्न करने वाले भोजन राजसिक लोगो को प्रिय होते है ऐसे भोजन दुःख ,शोक,तथा रोग उत्पन्न करने वाले होते है।अधपका खाने से तीन घंटे पूर्व पकाया गया [ बासी] स्वादहीन  सड़ा, जूठा ऐसा भोजन तामसिक लोगो को प्रिय होता है।


aahar ke prakar



अगर राजसिक भोजन ही बीमारियों का घर है तो आप समझ सकते है की तामसिक भोजन किस तरह के नुकसान होते है।मनुस्मृति में वर्णित है, "जो व्यक्ति अपने सुख के लिए निरपराध प्राणियों की हत्या करता है, वह इस लोक और परलोक में कहीं भी सुख प्राप्त नहीं करता।


मनुष्य मूलतः शाकाहारी है। ज्यादा मांसाहार से चिड़चिड़ेपन के साथ स्वभाव उग्र होने लगता है। यह वस्तुतः तन के साथ मन को भी अस्वस्थ कर देता है। प्रकृति ने कितनी चीजें दी हैं जिन्हें खाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं फिर मांस ही क्यों?

bhojan ke karya

हमारे कई धर्म ग्रंथों में यही उल्लेख मिलता है कि मांसाहार नहीं करना चाहिए।अगर आप खुद को तन और मन से स्वस्थ रखना चाहते हैं तो शाकाहार श्रेष्ठ है।यही वजह है कि मेंटल फिटनेस और फिजिकल फिटनेस के लिए आजकल ज्यादातर लोग मांसाहार को छोड़कर शाकाहार को अपना रहे हैं।

अब हम आपको मांसाहार के नुकसान का वैज्ञानिक दृष्टिकोण बताते हैं की किस तरह मांस हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है।

1. मांस खाने वाले ज्यादातर लोगों के अंदर चिड़चिड़ापन और ज्यादा गुस्सा होने के लक्षण पाए जाते हैं। ऐसे लोग स्वभाव से बहुत ज्यादा उग्र होते हैं। मांस खाने से आपके शरीर और मन दोनों अस्वस्थ बन जाते हैं।

2. मांसाहारी खाने वाले लोग शाकाहारी की तुलना में गंभीर बिमारियों की चपेट में ज्यादा आते हैं। इन बीमारियों में हाई ब्लड प्रशेर, डायबिटिज, दिल की बीमारी, कैंसर, गुर्दे का रोग, गठिया और अल्सर शामिल हैं।

3. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार मांसाहार का सेवन करना हमारे शरीर के लिए उतना ही नुकसानदायक होता है जितना कि धूम्रपान असर करता है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पका हुआ मांस खाने से कैंसर का खतरा बना रहता है।

4. मांसाहार की तुलना में शाकाहारी भोजन सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। शाकाहारी भोजन करने से इंसान स्वस्थ, दीर्घायु, निरोग और तंदरुस्त बना रहता है।

5. आप सभी ने बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू का नाम सुना होगा। यह बीमारी मुर्गे और सुअरों के जरिए इंसानों तक पहुंचती है। यह बीमारी हमारे शरीर तक तभी पहुंचती है जब हम इस बीमारी से ग्रस्त जीव को खाते हैं। प्रत्येक वर्ष ये बीमारी अनेको  लोगो की मौत का कारण बनती है।

6. दुनिया के एक चौथाई प्रदूषण का कारण मांस है। अगर दुनिया के लोग मांस खाना छोड़ दें तो 70 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हो जाएगा।

9. विज्ञान के अनुसार शाकाहारी लोग मासांहार करने वालों की तुलना में डिप्रेशन का शिकार कम बनते हैं।

10. मांसाहारी भोजन में  मसालों को स्वाद बढ़ाने के लिए डाला जाता है। इसे पचाने के लिए शरीर के अंगों पर ज्यादा दबाव पड़ता है।

स्प्रिंगमैन की कंप्यूटर मॉडल स्टडी कहती है कि अगर 2050 तक सारी दुनिया के लोग शाकाहारी हो जाएंगे, तो बेवक़्त मरने वालों की संख्या में छह से दस फ़ीसद तक की कमी आ सकती है। इसके साथ ही कैंसर, शुगर, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से भी छुटकारा मिलना आसान हो जाएगा।

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ़ फ़न्ड के शोध में बताया गया है कि यूरोपियों ने गायों पर होने वाले खर्च और उससे मिलने वाले मांस का तुलनात्मक अध्ययन किया है। जिसके अनुसार गाय और उसकी श्रेणी वाले जानवरों में एक किलो मांस बनने में कई-कई किलो चारा और 15,455 लीटर पानी लग जाता है। कुल मिलाकर मांस पाने के लिए बड़ी मात्रा में पानी और चारा खर्च होता है।तो आईए संकल्प करे की आज से मांसाहर को त्याग कर साकाहार अपनायेगे जिससे कोई भी जीव बिना मौत मारा नहीं जायेगा और वातावरण भी शुद्ध रहेगा।

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